Monday, November 3, 2014

दिल्ली लाइफ-7

उत्तर-प्रदेश, बिहार के नाम पर ये दिल्ली वाले बड़ा मुंह बनाते है जैसे इनका उधार लिए बैठे है ये यू.पी, बिहार वाले....

दिल्ली की हाई लाइफ स्टाइल के बारे में बड़ी बातें सुनी थी पर यहाँ रहने लगी तो पता लगा ये तो अपने यू.पी से भी गया बीता है ....वहां लोग जो है वो शायद उनकी असल पुष्टभूमि की वजह से है पर यहाँ दिल्ली में लोगों को क्या हुआ है...... ढ़ोंग/नोटंकी/पोंगापंती/अंधविश्वास/आडंबर/प्रथा/दिखावा जो कहो कम है और ये सब खूब भरा है इन दिल्ली वासियों में.....
अभी हाल ही में स्वच्छता अभियान का रोना रोये और फिर छठ पूजा का हल्ला होने लगा....बड़ा तमाशा है.....पहले सफाई के लिए चिल्लाओं और फिर गन्दगी करो....

छठ पूजा बिहार और यू.पी में ज्यादा प्रचलित है ये सुना था पर उससे ज्यादा नोटंकी यहाँ दिल्ली में देखने को मिली....दौड़ो....भागो......आगे निकलो और कूद पड़ो गंदे पानी में....फिर घिचपिच में जय-जय करो.....और पाप धूल गये .......बिलकुल सर्फ-एक्सेल के ऐड की तरह....

न जाने तब से कितने जागरण और भंडारे हो रहे है .....टैंटों में देख-देख कर लोग बुलाये जा रहे है और बाकी दीन-हीन को दुत्कारा जा रहा है .....इसके आलावा वहीँ खूब-सा खाना फेंका भी जा रहा है....जानवर सब बिखरा रहे है.......जहाँ फुटपाथ पर जिंदगियां भूखी सोती है, बचपन आंसुओं के प्याले पीते है वहां इस तरह खाना फैंका जा रहा है और उम्मीद करते हैं इन सब तमाशों से इन्हें मोक्ष मिलेगा.....सीधे स्वर्ग जायेंगे सब.......

कितना पाखंड है.....जिन्हें खिलाना चाहिये उनके मुंह तक निवाले नहीं जाते और जिन्हें इन सब की जरुरत ही नहीं उनके लिए छप्पनभोग तैयार किये जाते हैं.

हे ढोंगियों ये बताओ किस देवी-देवता ने ये कहा की उनके लिए 36 टाइप के स्पेशल डिशेस बनाओ तब वो प्रसन्न होंगे....कोई मेनू कार्ड भी है क्या इनका....फेस्टिवल स्पेशल करके.... ओह 36 करोड़ देवता और उनके मेनू कार्ड क्या बात......क्या बात....क्या बात.....

वैसे कुछ चीजें और कुछ लोगों की सोच कभी भी.....कहीं भी नहीं बदलती फिर वो यू.पी के हो, बिहार के या परदेसी......इस तरह के लोगों ने ठेका ले रखा होता है लकीर पीटने का.....जिसे बिना जाने...माने....और विचारे बस पीटते जाते है .....फिर चाहे कोई जिये न जिये उन्हें न फिर दिखाई देता है न सुनाई.......हे दुनिया वालों ऐसा भी क्या अंधविश्वासी होना.....

आंखे खोलो....सवेरा कब का हो चूका है.....