Thursday, January 15, 2015

दिल्ली लाइफ-9

अपने आस-पास और हर गली, हर मोहल्ले, हर सड़क पर लोगों को झुकते, हाथ जोड़ते, कान पकड़ते, तुनतुना बजाते और बुदबुदाते खूब देखा है और देख भी रही हूँ. जहाँ रहती हूँ वहां का तो ये हाल है कि सुबह 4 बजे से घंटे बजना शुरू हो जाते हैं और एक पगड़ी लगाया हुआ अजूबा सा दिखने वाला व्यक्ति जो खुद को मंदिर का पुजारी बताता है वो माइक ले के प्रवचन देता है. यहाँ तमाम औरतें कतार में खड़ी हो कर जय जय करती नजर आती हैं और फिर पुजारी के पाँव छु कर ''सुन तू मेरी मैं कहूँ बहुतेरी'' करती अपने अपने घर बढ़ जातीं हैं.

जिस घर में रहती हूँ उस घर में शाम 7 बजे से जय श्री कृष्णा , महाभारत , रामायण , जय जय संतोषी माँ, जय माँ विंध्यांचल वाली, महादेव रात के 12 बजे तक अपने दर्शन देने एक के बाद कर के आते रहतें हैं और आंटी फुल वॉल्यूम में खुद तो तृप्त होती होंगी पर मुझे पकातीं हैं....अक्सर तो मुझे उनके डायलॉग सुन बहुत हँसी आती हैं और सबसे ज्यादा मज़ेदार होता है उनका बैकग्राउंड म्यूजिक बाप रे .
एक बार गलती से मैंने आंटी को छेड़ दिया कि वो क्यूँ इतना धार्मिक है. उसके जवाब में आंटी ने मुझे घंटा भर से ज्यादा खड़ा रखा. भरी ठंडी में ये मेरा खुद पर किया गया सबसे दुखद अत्याचार रहा और जो इतना बड़ा ठंडा लेक्चर उन्होंने दिया उसका इन शॉट ''जीवन का सार ईश्वर भक्ति में हैं जो इससे दूर रहता है वो भटकता है'' मैंने सर पिट लिया काहे खुद को भटकाया चुप से रजाई में नहीं बैठा जाता.

आगरा में एक सड़क के मोड़ पर बाटा वाले का शो रूम हुआ करता था. पिछली बारी जब घर गयी थी तब उस मोड़ पर शनि महाराज बैठे दिखे और भगतों की लाइन नजर आई. भाई बोले शनि देव ने खूब जूते पहने अब लोगों को पहनाने के लिए मंदिर बनवा लिया है. हालाकि ये मजाक था लेकिन लोग भी न जगह हथियाने के लिए क्या क्या हथकंडे अपनाते हैं. वो क्या पैदा करता होगा ये चंद दिनों में भगवान पैदा कर लेते हैं.

इन सब से अलग, अब सबसे ज्यादा दुखी हूँ मैं फेसबुक के मंदिरों से. ऐसे ऐसे पुजारी है यहाँ की क्या कहा जाए. कवर पर भगवान, प्रोफाइल पिक पर भगवान, दिनों रात आरती, थाली, भजन-कीर्तन चलते रहते हैं. इतने भगवान हैं यहाँ कि गिनती कम पड़ जाये. ऐसे पुजारियों को अपने प्रोफाइल की सीढियाँ चढने से पहले ही उनको उलटे पांव भगा देती हूँ.
मुझे इन सब से चिढ़ है. भक्ति अच्छी बात है पर अंधभक्ति से मुझे चिढ़ हैं और आज कल जो नए भगवान बने है उनको फॉलो करने वाले भी इस बात का ख्याल रखें कि मुझे मोदीयापा पसंद नहीं. न उसके नाम पर बकवास करने वाले. मोदी के अंध भगतों दूर ही रहो.