Wednesday, April 8, 2015

तुम बीज हो...

तुम
बीज हो...

यदि तुममें प्राण हैं तो
कभी-न-कभी, कहीं-न-कहीं
तुम अपनी मिट्टी, अपना पानी और
अपना आसमां पा ही लोगी
और पैदा करोगी हजारों बीज
जो तुम्हारी छांव में अपनी पौध
तैयार करेंगे
पर पहले यकीन करो
की तुम प्राण हो, तुम जीवित हो और
तुम आगाज हो....


तुम
बीज हो...

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