Thursday, October 2, 2014

दिल्ली लाइफ-4

सुबह से यहाँ नोटंकी चालू है ....

नवरात्रे का आठवां दिन यानी अष्ठमी और घरों में ''कन्या पूजन'' जारी था साथ ही घरों के बाहर बस्तियों के बच्चे शोर कर रहे थे ....घरों की महिलाएं भोग लगा कर बच्चियों को डांटती-डपटती ''प्रसाद'' देती रहीं....और पूजा सम्पन्न हुई .....

शास्त्री जी को कोई याद नहीं करता....करते है तो सिर्फ गांधी जी (दुखी मन से ''जी'' लगाना पड़ रहा है) को और खूब रोते है .....लेकिन अब नया ''रुदन'' आज से लागू हो गया है.... जिसके लिए सारे मोदियायें लोग रोया करेंगे.....और दूसरों को रुलाया भी करेंगे....

कितने ही नेताओं ने दिन भर ''साफ़-सुधरी'' जगह पर दना-दन झाड़ू मारी और फोटो भी खिचवाई....धक्का-मुक्की कर के कैमरे के सामने आते रहे और ''हम मोदियायें हुए हैं, ये हमारा धर्म हैं, हम सब एक हैं, और हम भी विदेशी नक़ल पर ''आइस बकेट चैलेंज की तरह'' अपने विरोधियों को अपना भाई मान कर उनको इस ''जबरदस्ती की सफाई'' के लिए आमंत्रित करते हैं.....कहते रहे''.

इन सब के आलावा बहुत बड़ी संख्या में वो लोग भी थे जो ''असल में रोये'' जिनके लिए ये दिन छुट्टी का दिन हुआ करता था ....एक अदद मूवी का दिन हुआ करता था....बीवी के साथ फुर्सत भरा दिन और बच्चों के साथ मस्त पिकनिक का दिन हुआ करता था.....कितने ही बेचारे काम के बोझ के मारे सुबह होते ही रोने लगे और ढलती शाम तक रोते ही रहे ...हाय बड़ा दुःख दिना....

जितने भी लोग ''मोदीया'' गए हैं ....वो सभी दारू पी के टन्न पड़े है अब ...दिन भर एक दुसरे के ''झाड़ू सेल्फी'' को शाम में एन्जॉय कर रहे हैं और अब घर में ''कचरा' 'फैला रहे हैं....खबर है आज शाम से सारा कचरा इकठ्ठा किया जायेगा और अलगे साल फोटो के साथ साफ़ किया जायेगा .....अरे भाई ....कुछ काम करो तो उसकी तारीफ भी लो ....हैं की नहीं ......‪#‎मोदियापा_हाय_हाय‬

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